एक आकर्षक, प्राकृतिक दिखने वाला किशोर बाहर घूमता है, घर जाता है और अपनी बालकनी पर पेशाब करता है। अपने स्वयं के प्रतिबिंब से मोहित होकर, वह आत्म-आनंद में लिप्त होता है, अपने स्वाद का स्वाद लेता है। इस यूरोपीय सहपाठी की आश्चर्यजनक काया और साहसिक भावना एक मनोरम तमाशा बनाती है।